मारवाड़ के दो व्यक्ती रामा और शामा मुम्बई मे 50 वीं मंजिल पर खड़े बात कर रहे थे ।
रामा - काँई रे शामा !
शामा- काँई ?
रामा - काँई रे अटू निचे पड़ जावां तो काँई वंचे....
शामा - काँई नी वंचे
रामा - नी यार थोड़ो घणों कई तो वंचे
शामा - अठे तो कई नी वंचे पर
घरे गरूड़ पुराण जरूर वंचे.
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